treatment piles pregnancy - An Overview
Wiki Article
संयम, स्वस्थ आहार, और नियमित दिनचर्या पालन से पाइल्स को जड़ से ठीक किया जा सकता है।
इसमें दर्द, जलन और सूजन होती है, लेकिन खून नहीं आता।
We deliver you the finest remedies rooted in conventional ideas to help holistic overall health and wellness. Embrace Ayurveda with self confidence for just a much healthier, well balanced Life-style.
सही पोषण, स्वच्छता और समय पर डॉक्टर की सलाह से बवासीर का उपचार संभव है।
पाइल्स के लिए लेजर उपचार पारंपरिक सर्जरी की तुलना में निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:
पुराना कब्ज: मल त्यागने में कठिनाई के कारण बवासीर का विकास हो सकता है।
शुद्ध बादाम के तेल में रुई को डुबोएं, तथा बादी बवासीर में मस्सों पर लगाएं। यह सूजन और जलन को कम करता है।
आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ कहा गया है। यह वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों के दूषित होने से होता है। इसलिए इसे त्रिदोषज रोग कहा गया है। जिस बवासीर में वात या कफ की प्रधानता होती है, वे अर्श शुष्क get more info होते हैं। इसलिए मांसांकुरों में से स्राव नहीं होता है। जिस अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है, वे आर्द्र अर्श होते है। इसमें रक्तस्राव होता है। शुष्क अर्श में पीड़ा अधिक होती है।
पुरानी कब्ज: पुरानी कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे नसों में दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो सकता है।
रोगी डॉक्टर से सलाह लेने जा सकते है अगर वह अनुभव करता है:
छाछ को बवासीर में अमृत माना जाता है। इसमें काला नमक और भुना हुआ जीरा मिलाकर पिएं। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज को दूर करता है।
यह भी पढ़ें: बवासीर के सर्वोत्तम उपचार विकल्प
सिट्ज़ स्नान बवासीर के दर्द, जलन, और सूजन में राहत प्रदान करता हैं, लेकिन इसके साथ अन्य उपचार की भी आवश्यकता होती है।
आतड्यांचे आरोग्य तुमच्या मूडवर परिणाम करते का?